मंदसौर। किसान नेता दीपक सिंह गुर्जर के नेतृत्व में सैकड़ों किसानों ने नारकोटिक्स विभाग कार्यालय पर घेराव कर किसानों के साथ हो रहे अत्याचार और भ्रष्टाचार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। किसानों ने नारकोटिक्स विभाग के अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए उनकी ज्यादतियों और अवैध मांगों को उजागर किया।
मुख्य मांगें और आरोप:
पट्टों में अवैध मांग: किसानों ने आरोप लगाया कि नारकोटिक्स विभाग के अधिकारी, दलालों के माध्यम से नए सीपीएस पट्टों के नामांतरण के लिए 80,000 से 2 लाख रुपये तक की अवैध मांग कर रहे हैं। विभाग द्वारा जारी नए पट्टों में अधिकांश लाइसेंसधारी किसान अब जीवित नहीं हैं, और उनके वारिसों से नामांतरण के नाम पर जबरन पैसा वसूला जा रहा है।
पट्टे रोकने की धमकी: किसानों ने बताया कि जो किसान अवैध राशि देने में असमर्थ हैं, उनके पट्टों को निरस्त करने की धमकी दी जाती है।
डोडा और अफीम मूल्य निर्धारण: किसानों ने मांग की कि डोडा और अफीम के सरकारी दामों की समीक्षा की जाए। वर्तमान में डोडा 200 रु/किलो और अफीम 1800 रु/किलो पर खरीदी जाती है, जबकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में इनका मूल्य लाखों में है। किसानों ने डोडा का मूल्य बढ़ाकर 2000 रु/किलो और अफीम का मूल्य 10,000 रु/किलो करने की मांग की।
भ्रष्टाचार और मनमानी वसूली: किसान नेताओं ने बताया कि अफीम की फसल देने के बाद डोडा उखड़वाने के नाम पर भी लाखों रुपये की अवैध वसूली की जाती है। किसानों ने इसे समाप्त कर, उन्हें स्वयं डोडा उखड़वाने की अनुमति देने की मांग की।
सीपीएस नियमों में अस्पष्टता: किसानों ने नारकोटिक्स विभाग पर स्पष्ट निर्देश नहीं देने का आरोप लगाया। 2023-24 में सीपीएस पद्धति पर काम करने वाले किसानों को निर्धारित डोडा मात्रा के बारे में साल भर बाद जानकारी दी गई, जिसके चलते हजारों पट्टे रोक दिए गए। किसानों ने इन्हें तत्काल जारी करने की मांग की।
प्रदर्शन और ज्ञापन सौंपना
किसानों का यह प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा। नारकोटिक्स आयुक्त ग्वालियर के नाम ज्ञापन विभागीय अधिकारी आर. सिंह को सौंपा गया। ज्ञापन का वाचन किसान नेता और जिला पंचायत सदस्य दीपक सिंह गुर्जर ने किया। प्रदर्शन में बड़ी संख्या में किसान और जनप्रतिनिधि शामिल हुए, जिनमें गोविंद सिंह पंवार, जगदीश धनगर, नानालाल धामनिया, अशोक गुर्जर नागदा, वसीम खान, और अन्य प्रमुख लोग उपस्थित थे। किसानों ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगों को शीघ्र पूरा नहीं किया गया, तो आंदोलन को और अधिक व्यापक रूप दिया जाएगा।