शव वाहन न मिलने पर बेटे को ऑटो में ले जाना पड़ा मां का शव

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श्योपुर। जिला अस्पताल की लापरवाही का एक और गंभीर मामला सामने आया है, जहां शव वाहन की सुविधा न मिलने के कारण एक गरीब किसान को अपनी मां का शव ऑटो में ले जाना पड़ा।

रविवार शाम जिला अस्पताल में उपचार के दौरान 75 वर्षीय नारायणी बाई का निधन हो गया। परिजनों ने अस्पताल प्रशासन से शव वाहन उपलब्ध कराने की गुहार लगाई, लेकिन सोमवार सुबह तक कोई व्यवस्था नहीं हो सकी। मजबूर होकर मृतका के बेटे बृजेश ने 5,000 रुपये खर्च कर ऑटो किराए पर लिया और 160 किलोमीटर दूर अपने गांव तक शव लेकर गया।

अस्पताल परिसर में शव को ऑटो में ले जाते देख भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष बृजराज सिंह चौहान और बसपा नेता बिहारी सिंह सोलंकी मौके पर पहुंचे। उन्होंने परिजनों से जानकारी ली और अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही के गंभीर आरोप लगाए।

अस्पताल प्रशासन पर उठे सवाल

जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. दिलीप सिंह सिकरवार ने बताया कि आठ महीने पहले जिला अस्पताल में शव वाहन खरीदा गया था और इसके संचालन के लिए दो ड्राइवरों की नियुक्ति भी की गई थी। ईंधन की व्यवस्था रोगी कल्याण समिति के माध्यम से करने की योजना थी, लेकिन वाहन का संचालन क्यों नहीं हो रहा, यह जांच का विषय है।

इस घटना ने अस्पताल प्रबंधन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रशासनिक लापरवाही के चलते गरीबों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं की जमीनी हकीकत उजागर होती है।

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