भोपाल। लोकायुक्त पुलिस की कस्टडी में चल रहे परिवहन विभाग (RTO) के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा की रिमांड कल समाप्त हो रही है। इस बीच अब जांच एजेंसियों का फोकस सौरभ के करीबियों पर भी बढ़ने लगा है। RTI एक्टिविस्ट और एडवोकेट संकेत साहू ने प्रधानमंत्री, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री, प्रवर्तन निदेशालय (ED) और आयकर विभाग (IT) को शिकायत भेजकर सौरभ के जीजा विनय हासवानी की चल-अचल संपत्ति की जांच की मांग की है।
विनय हासवानी पर क्या आरोप?
सौरभ शर्मा के खिलाफ लोकायुक्त और ED की कार्रवाई के बाद उनके करीबी भी जांच एजेंसियों के रडार पर हैं। संकेत साहू ने अपनी शिकायत में विनय हासवानी के बैंक अकाउंट ट्रांजैक्शन और बेनामी संपत्तियों से जुड़ी जानकारी साझा की है। उनका आरोप है कि सौरभ के भ्रष्टाचार से हासवानी को भी फायदा पहुंचा, और अब जांच शुरू होते ही वह गायब हो गया है।
बेनामी संपत्ति का बड़ा खुलासा
सूत्रों के अनुसार, हाल ही में विनय हासवानी के बिजनेस पार्टनर केके अरोरा के ठिकानों पर ED ने छापा मारा था, जिसमें बेनामी संपत्ति और संदिग्ध लेनदेन के सबूत मिले हैं। ग्वालियर के धनेली गांव में करीब 3 करोड़ रुपये की जमीन खरीदने से जुड़ी अहम जानकारियां भी सामने आई हैं।
RTI एक्टिविस्ट ने क्या मांग की?
संकेत साहू ने लोकायुक्त, IT और ED से विनय हासवानी की तुरंत गिरफ्तारी की मांग की है। उनका कहना है कि हासवानी को भी सौरभ शर्मा केस में शामिल किया जाए और उसकी काली कमाई से जुड़ी सभी संपत्तियों को जब्त किया जाए।
क्या होगी आगे की कार्रवाई?
लोकायुक्त और ED पहले ही सौरभ शर्मा से पूछताछ कर रही हैं। अब शिकायत के बाद विनय हासवानी की संपत्तियों और बैंक खातों की जांच तेज हो सकती है। अधिकारियों के अनुसार, यदि हासवानी के खिलाफ ठोस सबूत मिलते हैं तो उसके खिलाफ जल्द कानूनी कार्रवाई हो सकती है।
यह मामला अब हाई-प्रोफाइल होता जा रहा है, और आने वाले दिनों में इससे जुड़े और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं।