नई दिल्ली: स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) की जरूरत पर जोर दिया। पीएम मोदी ने कहा कि मौजूदा कानून जो देश को धर्म के आधार पर विभाजित करते हैं, उन्हें खत्म किया जाना चाहिए और एक सेकुलर सिविल कोड की आवश्यकता है। उन्होंने इस मुद्दे पर देशभर में बहस की अपील की, ताकि सभी नागरिकों के लिए समान कानून लागू किया जा सके।
प्रधानमंत्री ने कहा, “नागरिकों के लिए समान नागरिक संहिता (UCC) का उद्देश्य हर धर्म, जाति, और लिंग के लोगों के लिए एक समान कानून लागू करना है, जो विवाह, तलाक, संपत्ति के बंटवारे जैसे मामलों में समान रूप से लागू हो। यह समय की मांग है कि हम एक आधुनिक और धर्मनिरपेक्ष समाज के निर्माण की दिशा में कदम बढ़ाएं।”
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि एक सेकुलर सिविल कोड लागू करना संविधान के नीति निदेशक तत्वों में भी शामिल है, और यह सरकार का कर्तव्य है कि वह इसे साकार करे। उन्होंने यह भी कहा कि जो कानून सांप्रदायिक और भेदभावपूर्ण हैं, उनका कोई स्थान नहीं है और उन्हें समाप्त किया जाना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में अन्य मुद्दों जैसे प्राकृतिक आपदाओं, सुधारों, और 2047 तक विकसित भारत के निर्माण के संकल्प पर भी चर्चा की। यह 11वां अवसर था जब प्रधानमंत्री मोदी ने लाल किले की प्राचीर से ध्वजारोहण किया और देश को संबोधित किया।