मंदसौर। जिले में प्रशासनिक अनदेखी के चलते एक बार फिर से एक पीड़ित दंपति ने गंभीर कदम उठाने का प्रयास किया। मंगलवार को घरेलू जमीन के विवाद में न्याय की गुहार लगाने आए गरोठ के रहने वाले राधेश्याम और उनकी पत्नी रामकन्या बाई प्रशासनिक सुनवाई न होने के कारण उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा और प्रभारी मंत्री निर्मला भूरिया से मिलने पहुंचे थे।
पीड़ित दंपति पिछले चार महीनों से अपने पारिवारिक आवास भूमि के बंटवारे के मामले में प्रशासनिक दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं। राधेश्याम के पिता को सरकारी पट्टे पर आवंटित जमीन पर आवास बनाने के लिए प्लाट मिला था, लेकिन उनके पिता ने पहले ही उस जमीन पर कर्ज ले लिया था, जिससे परिवार में विवाद उत्पन्न हो गया। इस मामले में तहसीलदार और एसडीएम से बार-बार गुहार लगाने के बावजूद कोई समाधान नहीं हो सका।
मंगलवार को जब दंपति उपमुख्यमंत्री और प्रभारी मंत्री से मिलने जिला योजना समिति की बैठक में पहुंचे, तो उन्हें मिलने के बजाय एक कमरे में बंद कर दिया गया। क्यों की इस दौरान दंपति के एक हाथ में आवेदन पत्र और दूसरे हाथ में जहर की पुड़िया थी, जो प्रशासनिक अनदेखी की गंभीरता को दर्शाता है।
इस घटना के बाद मीडिया के हस्तक्षेप पर जिला प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए तीन अधिकारियों की एक टीम गठित की और मामले की जांच शुरू की गई है। जिला प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि जल्द ही इस मामले का निराकरण किया जाएगा।