मंदसौर। श्रम विभाग कार्यालय पर आज उज्जैन लोकायुक्त पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए श्रम विभाग के बाबू को 1800 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया। यह रिश्वत एक रिटायर्ड विद्युत कर्मचारी से ली जा रही थी, जिसे उसकी ग्रेच्युटी की ब्याज राशि निकालने के लिए बाबू द्वारा 2500 रुपये की मांग की गई थी।
लोकायुक्त उज्जैन की टीम ने इस मामले में प्रभावी कार्रवाई करते हुए बाबू कैलाश निनामा को रिश्वत लेते हुए पकड़ लिया। लोकायुक्त टीम के प्रभारी निरीक्षक राजेंद्र वर्मा ने बताया कि आवेदक भगवतीलाल चौहान, पिता नागुलाल, निवासी इंदिरानगर मंदसौर ने 19 फरवरी 2024 को पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त उज्जैन अनिल विश्वकर्मा को शिकायत दी थी।
शिकायत का विवरण
भगवतीलाल चौहान जुलाई 2017 में विद्युत विभाग से सेवानिवृत्त हुए थे। उन्हें उनकी ग्रेच्युटी की राशि विलंब से मिली थी, जिसके ब्याज की राशि प्राप्त करने हेतु उन्होंने जनवरी 2024 में उपायुक्त कार्यालय, श्रम मंदसौर में आवेदन दिया था। इस आवेदन पर 97,454 रुपये देने का आदेश हुआ था। हालांकि, इस आदेश के खिलाफ विद्युत वितरण कंपनी ने आयुक्त श्रम इंदौर में अपील की थी, जिसे वहां खारिज कर दिया गया था।
ब्याज की राशि प्राप्त करने के लिए जब आवेदक ने श्रम विभाग के बाबू कैलाश निनामा से संपर्क किया, तो बाबू ने 2500 रुपये की रिश्वत की मांग की। इस पर आवेदक ने लोकायुक्त उज्जैन में शिकायत दर्ज करवाई।
रंगे हाथ गिरफ्तार
लोकायुक्त टीम ने मामले की तस्दीक करने के बाद ट्रैप योजना बनाई और आज दिनांक 21 फरवरी 2024 को बाबू कैलाश निनामा को 1800 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया।
लोकायुक्त टीम में शामिल अधिकारी
इस कार्रवाई में लोकायुक्त टीम उज्जैन के निरीक्षक राजेंद्र वर्मा के साथ आरक्षक श्याम, अनिल, उमेश, नेहा, हितेश और सहायक ग्रेड-3 रमेश भी शामिल थे।
इस कार्रवाई से मंदसौर जिले में सरकारी दफ्तरों में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त संदेश गया है। लोकायुक्त की इस कार्रवाई के बाद सरकारी कर्मचारियों के कार्यप्रणाली पर नजर रखने की आवश्यकता और बढ़ गई है।