मंदसौर। मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले Mandsaur district of Madhya Pradesh के शक्करखेड़ी गांव में एक युवती द्वारा परिवार की इच्छा के खिलाफ जाकर प्रेम विवाह love marriage करने के बाद उसके परिवारजनों ने नाराजगी में बेहद चौंकाने वाला कदम उठाया। परिवार ने अपनी बेटी को ‘मृत’ मानते हुए Believing her daughter to be ‘dead’ उसकी 13वीं की रस्में पूरी कीं completed his 13th rituals। यह घटना 1 दिसंबर को सामने आई, जब लड़की भगवती और दीपक पाटीदार नामक युवक के साथ विवाह करने के बाद अपने घर से चली गई।
घटना का विवरण
भगवती, शक्करखेड़ी गांव के उमेश पाटीदार की बेटी हैं, जिन्होंने तितरोद गांव के दीपक पाटीदार के साथ प्रेम विवाह किया। इस विवाह के कारण परिवार नाराज हो गया और उन्हें यह कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ा। परिवारजनों ने बाकायदा एक ‘गोरनी पत्रिका’ छपवाकर रिश्तेदारों में वितरित की और सोशल मीडिया पर भी इसे साझा किया।
घटना के दिन परिवार ने घर में भगवती की फोटो रखी और मृत्युपरांत की जाने वाली रस्में पूरी कीं। भाई और पिता ने ‘जिंदा बेटी’ को मरा हुआ मानते हुए भोजन और धूप की परंपरागत क्रियाएं संपन्न कीं।
परिवार का पक्ष
लड़की के भाई ने कहा कि यदि भगवती ने अपने प्रेम प्रसंग की जानकारी पहले दी होती, तो परिवार उसकी विधिवत शादी कराता। लेकिन उसकी इस ‘भागने’ की हरकत से परिवार का सम्मान आहत हुआ, जिसके कारण उन्होंने यह कदम उठाया। उन्होंने यह भी कहा कि “ऐसी बेटी और बहन किसी के लिए नहीं होनी चाहिए।”
पहले भी हुआ ऐसा मामला
यह मंदसौर जिले में ऐसी दूसरी घटना है। इससे पहले दलावदा गांव में भी एक युवती ने प्रेम विवाह किया था, जिसके बाद उसके परिवार ने नाराज होकर 13वीं का कार्यक्रम आयोजित किया था।
समाज और प्रेमी युगल की स्थिति
जहां एक ओर परिवार और समाज के ऐसे रूढ़िवादी रवैये से कई सवाल खड़े हो रहे हैं, वहीं भगवती और दीपक का प्रेम और साथ जीने का संकल्प एक अलग संदेश देता है। यह घटना समाज में प्रेम विवाह और पारिवारिक सम्मान के बीच संघर्ष की जटिलता को उजागर करती है।