मंदसौर। जिला शिक्षा विभाग का कार्यालय, जो कि शिक्षा के स्तर और संचालन के लिए जिम्मेदार है, आज अपनी ही समस्याओं में डूबा हुआ है। हाल ही में हुई बारिश ने इस कार्यालय के प्रांगण को मिनी तालाब में बदल दिया है, जिससे यहां आने-जाने वाले शिक्षक और अन्य कर्मियों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। यह स्थिति केवल आज की नहीं, बल्कि लंबे समय से चली आ रही है, जो प्रशासनिक लापरवाही को उजागर करती है।
बारिश के पानी की निकासी की उचित व्यवस्था न होने के कारण, कार्यालय परिसर में जलजमाव की समस्या बार-बार उत्पन्न होती है। इससे न केवल कार्यालय के कर्मचारियों को असुविधा होती है, बल्कि जिले भर से आने वाले शिक्षक भी परेशान होते हैं। जब जिला मुख्यालय का यह हाल है, तो ग्रामीण क्षेत्रों के सरकारी स्कूलों की स्थिति का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है। वहां पर भी इस तरह की समस्याएं आम होंगी, जिससे शिक्षा व्यवस्था प्रभावित होती है।
मंदसौर शहर का मिनी स्टेडियम कालाखेत खेल मैदान भी बारिश के दौरान तालाब में तब्दील हो जाता है। यह मैदान, जो सामान्य दिनों में खिलाड़ियों के अभ्यास और खेल गतिविधियों के लिए उपयोग में आता है, बारिश के दिनों में अनुपयोगी हो जाता है। यह समस्या कोई नई नहीं है, बल्कि वर्षों से यह मैदान इसी प्रकार बारिश के दिनों में जलमग्न होता रहा है।
इस प्रकार की समस्याएं यह सवाल खड़ा करती हैं कि प्रशासनिक स्तर पर इन मुद्दों का समाधान क्यों नहीं हो पा रहा है। क्या शिक्षा विभाग और खेल विभाग की इन समस्याओं को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा, या फिर यह उदासीनता का परिणाम है? अब समय आ गया है कि संबंधित विभाग और प्रशासनिक अधिकारी इस दिशा में ठोस कदम उठाएं, ताकि जिले की शिक्षा व्यवस्था और खेल सुविधाओं को बेहतर बनाया जा सके।