मंदसौर। मंदसौर जिले के एक सरकारी अस्पताल में डॉक्टरों की बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है, जिसमें एक महिला पिछले दस सालों से गंभीर रोग और पीड़ा से जूझ रही है। मामला दिसंबर 2014 का है, जब सितामऊ नगर की रहने वाली सीमा नामक महिला ने जिले के शामगढ़ नगर के स्वास्थ्य केंद्र में नसबंदी ऑपरेशन करवाया था।
महिला के पति निलेश हरगौड़ का आरोप है कि ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर राकेश पाटीदार ने ऑपरेशन के दौरान बड़ी लापरवाही बरतते हुए ‘आर्टीपोरसेफ’ महिला के पेट में ही छोड़ दिया। इस लापरवाही के कारण महिला पिछले दस सालों से शारीरिक और मानसिक पीड़ा से गुजर रही है, लेकिन इस गंभीर गलती का खुलासा हाल ही में हुआ।
महिला और उसके पति ने कई बार पेट दर्द की शिकायत की, लेकिन उन्हें सही कारण का पता नहीं चला। 30 जुलाई 2024 को सीमा ने सितामऊ के शासकीय अस्पताल में पेट दर्द की शिकायत की, जहां एक्सरे के बाद यह पता चला कि उसके पेट में ‘आर्टीपोरसेफ’ छोड़ा गया था।
इसके बाद महिला को जिला अस्पताल मंदसौर रेफर किया गया, जहां स्थिति की पुष्टि होने पर उसे हायर सेंटर भेजा गया। आखिरकार, परिवारजन उसे अहमदाबाद के सिविल अस्पताल ले गए, जहां चिकित्सकों ने सफल ऑपरेशन कर पेट से ‘आर्टीपोरसेफ’ को बाहर निकाला।
हालांकि, महिला की स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है और वह जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही है। महिला के पति ने मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री, जिला कलेक्टर, एसपी, और जिला स्वास्थ्य अधिकारी को पत्र लिखकर इस लापरवाही की शिकायत की है और दोषी डॉक्टरों पर तत्काल कार्रवाई की मांग की है।
स्थानीय विधायक हरदीप सिंह डंग ने भी इस मामले को गंभीर बताते हुए दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। जिला कलेक्टर अदिति गर्ग ने मामले को संज्ञान में लेते हुए जांच के निर्देश दिए हैं और एक जांच दल गठित करने की बात कही है।