देवरिया। यूपी के देवरिया में महर्षि देवरहा बाबा मेडिकल कॉलेज से एक दिल दहलाने वाली घटना सामने आई है। 4 सितंबर की रात, अस्पताल की दूसरी मंजिल से एक पिता ने अपने मासूम बेटे को फेंक दिया। यह मासूम लक्की नाम का बच्चा महज़ 5 साल का था, जिसे उसके पिता ने पहले ही बुरी तरह पीटा था, जिससे उसके प्राइवेट पार्ट में गंभीर चोट आ गई थी।
लक्की की मां, अंजू देवी, अपने बेटे को लेकर तुरंत अस्पताल पहुंची थी, जहां डॉक्टरों ने सर्जरी का सुझाव दिया। चार सितंबर को बच्चे की सर्जरी हुई, और वह अपनी मां के साथ अस्पताल के सर्जरी विभाग में था। इसी दौरान, लक्की का पिता विनय प्रसाद वहां पहुंचा और बिना कुछ कहे उसे अपनी गोद में उठाकर ले गया। सुबह के 4 बजे विनय ने बच्चे को दूसरी मंजिल से पैर पकड़कर लटका दिया, और वह मासूम मदद के लिए जोर-जोर से चिल्लाने लगा। अस्पताल का स्टाफ और अंजू देवी तुरंत मौके पर पहुंचे, पर विनय समझने को तैयार नहीं था।
उसी समय एमसीएच विंग के एसएनसीयू वार्ड में भर्ती एक मरीज के परिजन, दुर्गेश सैनी, इस पूरी घटना को देख रहे थे। वह तुरंत अपने साथियों के साथ नीचे खड़े हो गए, ताकि अगर बच्चा गिराया जाए तो उसे बचाया जा सके। करीब 30 मिनट तक विनय को समझाने की कोशिशें की गईं, लेकिन वह नहीं माना। अंत में उसने अपने बेटे को दूसरी मंजिल से फेंक दिया। यह देख दुर्गेश सैनी ने तेजी से आगे बढ़कर लक्की को पकड़ लिया, जिससे उसकी जान बच गई।
घटना के बाद बच्चा बेहोश हो गया और उसे तुरंत इमरजेंसी वार्ड में ले जाया गया। वहां उसका इलाज किया गया और उसकी हालत अब स्थिर बताई जा रही है। इस हादसे से गुस्साए लोगों ने विनय को पकड़कर उसकी जमकर पिटाई की और पुलिस के हवाले कर दिया।
यह घटना इंसानियत को झकझोर देने वाली है, लेकिन साथ ही यह साबित करती है कि इंसानियत अभी जिंदा है। दुर्गेश सैनी की तत्परता और साहस ने एक मासूम की जान बचा ली, जो अन्यथा एक भयानक त्रासदी का शिकार हो सकता था।