मंदसौर। उप पंजीयक सहकारिता कार्यालय मंदसौर Deputy Registrar Co-operative Office Mandsaur के वरिष्ठ सहकारी निरीक्षक टी.आर. गुन्द्रावत की अनाधिकृत अनुपस्थिति के बावजूद विभाग में उनकी सेवाएं जारी हैं, जिससे विभागीय अनुशासन पर गंभीर सवाल Serious question on departmental discipline खड़े हो रहे हैं। उनके चिकित्सा प्रमाण पत्र की सत्यता पर संदेह Doubt about the authenticity of the medical certificate के बावजूद, 15 माह बीतने के बाद भी विभाग द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।
मुख्यालय द्वारा 29 मार्च 2023 को जारी किए गए निर्देश पत्र क्रमांक /342/स्था/2023 के अनुसार, गुन्द्रावत द्वारा प्रस्तुत चिकित्सा प्रमाण पत्र की जांच मेडिकल बोर्ड से करवाई जानी थी। इसके बाद, भोपाल मुख्यालय से 15 मई 2023 को पत्र क्रमांक/स्था./02 1046 जारी किया गया, जिसमें चिकित्सा प्रमाण पत्र की जांच का आदेश दिया गया था। बावजूद इसके, 15 महीने बीतने के बाद भी यह प्रक्रिया ठप पड़ी हुई है।
मुख्यालय ने गुन्द्रावत के चिकित्सा प्रमाण पत्र की सत्यता पर संदेह जताया था और इसकी जांच के स्पष्ट निर्देश दिए थे। लेकिन, अब तक किसी भी अधिकारी ने इस मामले में गंभीरता नहीं दिखाई है। इस वजह से विभागीय जांच में कोई प्रगति नहीं हो पाई है। अधिकारियों को समय सीमा के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया था ताकि अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सके, लेकिन इसमें हो रही देरी से विभागीय लापरवाही उजागर हो रही है।
चिकित्सा प्रमाण पत्र पर उठे सवाल
गुन्द्रावत द्वारा प्रस्तुत चिकित्सा प्रमाण पत्र पर कई संदेहास्पद बिंदु सामने आए थे, जिसके चलते 5 जून 2023 को संयुक्त आयुक्त सहकारिता उज्जैन द्वारा पत्र क्रमांक/ स्था.23/968 जारी करते हुए जांच के आदेश दिए गए थे। इसके बाद यह प्रमाण पत्र मेडिकल बोर्ड से सत्यापित किया जाना था, लेकिन 15 महीने बीतने के बाद भी यह प्रमाण पत्र विभाग में प्रस्तुत नहीं किया गया है। इससे यह स्पष्ट होता है कि विभागीय निर्देशों को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है, और उच्चाधिकारियों द्वारा दी गई समय सीमा का भी पालन नहीं किया गया है।
अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल
इस पूरे मामले में संबंधित अधिकारियों की कार्यशैली भी संदेह के घेरे में है। उपायुक्त सहकारिता मंदसौर द्वारा 19 जून 2023 को पत्र क्रमांक/ स्था./23/637 जारी करते हुए स्थापना विभाग को निर्देश दिए गए थे कि वे टी.आर. गुन्द्रावत के प्रस्तुत चिकित्सा प्रमाण पत्र की जांच मेडिकल बोर्ड से कराएं और सम्पूर्ण वस्तुस्थिति से अवगत कराएं। साथ ही, गुन्द्रावत के समस्त चिकित्सा प्रमाण-पत्र, जो वरिष्ठ कार्यालय को अवगत कराए गए थे, तुरंत प्रस्तुत करने के लिए कहा गया था। बावजूद इसके, अभी तक किसी भी अधिकारी ने इस मामले में जिम्मेदारी से कार्य नहीं किया है।
मुख्यालय से कई बार समय सीमा में रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन कार्रवाई में हो रही देरी यह साबित करती है कि विभागीय अधिकारियों ने इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया है।
अब देखने वाली बात यह है कि मुख्यालय इस लापरवाही के खिलाफ क्या कदम उठाता है। अनाधिकृत अनुपस्थिति के बावजूद गुन्द्रावत का विभाग में कार्यरत रहना न केवल विभागीय अनुशासन बल्कि प्रशासनिक व्यवस्था पर भी सवाल खड़े करता है।