मंदसौर। जिले के भानपुरा में गणेश प्रतिमाओं के विसर्जन को लेकर विवाद के बाद भानपुरा में स्थिति तनावपूर्ण हो गई है। सनातन धर्म मंडल के संरक्षक योगी प्रकाश नाथ महाराज और हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने नगर परिषद भानपुरा द्वारा गणेश प्रतिमाओं को नदी में विसर्जन करने के बजाय नाले में फेंकने के विरोध में आज नगर बंद का आह्वान किया।
इस पूरे विवाद की शुरुआत तब हुई जब सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें गणेश प्रतिमाओं को नदी में विसर्जित करने की बजाय नाले में फेंका जा रहा था। इस वीडियो के सामने आने के बाद हिंदू संगठनों में भारी रोष फैल गया और उन्होंने नगर बंद करते हुए जिला प्रशासन से नगर परिषद सीएमओ मोहम्मद अशफाक पठान के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की मांग की।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
घटना के बाद नगर परिषद के सीएमओ मोहम्मद अशफाक पठान ने मामले में तुरंत कार्रवाई करते हुए टैक्टर चालक संजय पिता मांगीलाल पंचोली को कार्य के प्रति लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित कर दिया। हालांकि, हिंदू संगठनों का मानना है कि केवल एक टैक्टर चालक को निलंबित करने से मामले का समाधान नहीं हो सकता। वे वरिष्ठ अधिकारी सीएमओ के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
हिंदू संगठनों का विरोध
हिंदू संगठनों का कहना है कि शांति समिति की बैठक में स्पष्ट रूप से नगर पंचायत द्वारा यह कहा गया था कि गणेश प्रतिमाओं का टेंट लगाकर सम्मानपूर्वक एकत्र किया जाएगा और फिर उन्हें नदी में विसर्जित किया जाएगा। लेकिन जब इस बात की सहमति बन चुकी थी, तब प्रतिमाओं को नाले में क्यों फेंका गया? इस अव्यवस्था और अनादर को लेकर नगर में भारी आक्रोश है।
योगी प्रकाश नाथ महाराज ने इस मामले पर कहा, “यह केवल एक धार्मिक आस्था का मामला नहीं है, बल्कि हमारी संस्कृति और परंपराओं का अपमान है। जब नगर पंचायत ने नदी में विसर्जन की बात कही थी, तो उसे पूरी ईमानदारी से निभाना चाहिए था।”
नगर बंद और प्रदर्शन
इस पूरे विवाद के चलते आज भानपुरा नगर को पूरी तरह बंद रखा गया। बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतर आए और सीएमओ के खिलाफ नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों ने जिला प्रशासन से मांग की कि घटना के लिए सीधे जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
प्रशासन और पुलिस की सतर्कता के कारण अब तक किसी प्रकार की अप्रिय घटना सामने नहीं आई है, लेकिन स्थिति अभी भी तनावपूर्ण बनी हुई है।
आगे की कार्रवाई
प्रशासन इस मामले को लेकर संवेदनशील है और जिले के वरिष्ठ अधिकारी घटना की जांच कर रहे हैं। नगर के हिंदू संगठनों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे बड़े पैमाने पर आंदोलन करेंगे।
स्थिति को देखते हुए, प्रशासन ने जल्द ही किसी समाधान तक पहुंचने का आश्वासन दिया है, ताकि नगर में शांति और सद्भाव कायम रहे।
यह घटना नगर में आस्था और प्रशासनिक जिम्मेदारी को लेकर सवाल खड़े कर रही है। प्रशासन द्वारा उठाए गए कदमों पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं कि आखिरकार इस विवाद का समाधान कैसे निकलेगा।