मंदसौर। कलेक्टर न्यायालय में एप्रोज रोड के अवैध निर्माण को लेकर 24 फरवरी 25 को हुई पेशी के दौरान कलेक्टर अदिति गर्ग ने मुख्य नगरपालिका अधिकारी सुधीर सिंह को कड़ी फटकार लगाई। बिना टेंडर और मौखिक आदेश पर पुलिस कॉलोनी की जमीन पर बनाई गई सड़क पर न्यायालय ने सात बिंदुओं पर कार्य कर न्यायालय के सामने पेश होने को कहा था लेकिन अपनी आदतों से सुमार सुधीर सिंह कलेक्टर न्यायालय को अपनी अपनी नगर पालिका समझकर पेश हुवे जिस पर कलेक्टर अदिति गर्ग ने जमकर फटकार लगाते हुए खुमार उतार दी और निर्देश दिए कि आगामी तारीख पर न्यायालय के निर्देशों का सहअक्षर पालन होना चाहिए।
कैसे हुआ खुलासा?
मामला तेलिया तालाब को भरने वाली प्रमुख कैनाल के पास पुलिस कॉलोनी की जमीन पर बिना अनुमति अवैध एप्रोज रोड बनाने का है। बताया जाता है कि इस कैनाल को पूर्व विधायक स्वर्गीय ओमप्रकाश पुरोहित और पूर्व जलकल सभापति हिम्मत डांगी ने काफी मेहनत से बरसते पानी में खुलवाया था, ताकि बारिश के पानी से तालाब भरा जा सके। लेकिन भूमाफियाओं के इशारे पर इसे खत्म करने की साजिश रची गई थी।
इस अवैध निर्माण में नगरपालिका के सीएमओ सुधीर सिंह, इंजीनियर रोहित कैथवास और मेडिकल कॉलेज डीन शशि गांधी की संदिग्ध भूमिका सामने आई है। बिना किसी टेंडर के केवल मौखिक आदेश पर इस रोड का निर्माण शुरू कर दिया गया। जागरूक मीडिया और प्रशासन की सतर्कता से यह मामला उजागर हुआ और कलेक्टर अदिति गर्ग ने तत्काल हस्तक्षेप कर निर्माण कार्य को रुकवा दिया।
कलेक्टर ने क्यों लगाई फटकार?
कलेक्टर अदिति गर्ग ने इस मामले में सख्त कदम उठाते हुए नपा सीएमओ सुधीर सिंह को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया और उन्हें पार्टी बनाया। अब हर सोमवार को उन्हें कलेक्टर न्यायालय में पेश होना होगा और मामले से जुड़े हर सवाल का जवाब देना अनिवार्य होगा। इस कार्रवाई से सीएमओ पर जबरदस्त दबाव बन गया है, क्योंकि भूमाफिया के इशारे पर मौखिक आदेश जारी करने वाले आका अब पीछे हट गए हैं और उन्हें कोई समर्थन नहीं मिल रहा है।
सूत्रों की मानें तो सीएमओ सुधीर सिंह अब भी चालाकी दिखाने की कोशिश कर रहे हैं। वे पेड़ों की कटाई, पुलिस पाइपलाइन, फेंसिंग आदि से संबंधित जुर्माने को अस्थायी पेनल्टी के रूप में दिखाकर बचने का प्रयास कर रहे हैं। लेकिन कलेक्टर अदिति गर्ग उनकी चालों को पहले ही समझ चुकी हैं। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि अगली पेशी में स्थायी पेनल्टी के साथ सभी सात बिंदुओं वाले नोटिस का स्पष्ट और संतोषजनक जवाब देना होगा।
मीडिया और कलेक्टर न्यायालय की सख्ती से भूमाफियाओं की साजिश नाकाम
इस पूरे मामले में मीडिया की भूमिका बेहद अहम रही है। यदि जागरूक पत्रकार और निष्पक्ष प्रशासन इस मुद्दे को उजागर नहीं करते, तो भूमाफिया धीरे-धीरे तेलिया तालाब को भरने वाली कैनाल को पूरी तरह खत्म करने में कामयाब हो जाते। लेकिन कलेक्टर अदिति गर्ग और एसपी अभिषेक आनंद ने सख्त रुख अपनाकर भूमाफियाओं और नपा की मिलीभगत पर पानी फेर दिया।
दूसरी ओर, कुछ प्रभावशाली लोग अब भी इस मामले को दबाने और मीडिया को साधने की कोशिश कर रहे हैं ताकि उनकी कारगुजारियां उजागर न हो सकें। लेकिन जागरूक मीडिया और प्रशासन के कड़े रवैये से यह साजिश अब सफल होती नहीं दिख रही।
आगे क्या?
अब निगाहें अगली पेशी पर टिकी हैं, जहां सीएमओ सुधीर सिंह को कलेक्टर के समक्ष फिर से उपस्थित होना होगा। कलेक्टर गर्ग ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि इस मामले में कोई लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। देखना होगा कि सीएमओ इस बार क्या सफाई पेश करते हैं और ठेकेदार शर्मा को ब्लैक लिस्टेड तथा इंजीनियर रोहित कैथवास का जो शोकस नोटिस बनवा कर अपने पास रख रखा है उसे पेश करते हैं या नहीं।
कुल मिलाकर, प्रशासन और जनता की जागरूकता से यह मामला एक ऐतिहासिक फैसले की ओर बढ़ रहा है। कलेक्टर अदिति गर्ग की सख्ती से उम्मीद है कि तेलिया तालाब को भरने वाली कैनाल और पुलिस कॉलोनी की जमीन को पूर्व की तरह किए जाने के निर्देश के बाद भी नपा द्वार केवल औपचारिकता निभाई गई थी क्या अगली पेशी तक एप्रोज रोड हटा कर पूर्व की तरह कर न्यायालय के समक्ष चित्र पेश हो पाते है या नहीं।