मंदसौर। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने शुक्रवार को मंदसौर के नारकोटिक्स विभाग में बड़ी कार्रवाई करते हुए सब-इंस्पेक्टर (एसआई) अभिषेक अग्निहोत्री पर रिश्वत लेने के मामले में कार्यवाही की। एसआई ने एक किसान से अफीम पट्टे के नामांतरण के एवज में 1 लाख रुपए से अधिक की रिश्वत मांगी थी।
कैसे हुआ खुलासा?
ग्राम धमनार के किसान बद्रीलाल धाकड़ ने सीबीआई में शिकायत दर्ज कराई थी कि उनके पिता के नाम पर जारी अफीम पट्टे के नामांतरण के दौरान एसआई रिश्वत मांग रहा है। शिकायत के बाद सीबीआई ने योजनाबद्ध तरीके से जाल बिछाया और रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ लिया। इस दौरान एसआई ने रिश्वत की रकम अपने एक सहकर्मी के माध्यम से ली थी, जिसने पूछताछ के दौरान पूरे षड्यंत्र का खुलासा कर दिया।
पहले भी उठ चुके हैं भ्रष्टाचार के आरोप
मंदसौर का नारकोटिक्स विभाग पहले भी भ्रष्टाचार के आरोपों के घेरे में रहा है। हाल ही में 21 नवंबर को कांग्रेस नेता दीपक सिंह गुर्जर के नेतृत्व में किसानों ने प्रदर्शन करते हुए नारकोटिक्स विभाग पर रिश्वतखोरी के आरोप लगाए थे। किसानों ने चेतावनी दी थी कि यदि भ्रष्टाचार नहीं रुका तो वे बड़े आंदोलन के लिए मजबूर होंगे।
सांसद ने की थी सुधार की मांग
क्षेत्रीय सांसद सुधीर गुप्ता ने भी नारकोटिक्स विभाग में हो रही अवैध वसूली पर चिंता जताई थी। उन्होंने विभागीय कार्यप्रणाली को पारदर्शी और समयबद्ध बनाने की मांग करते हुए नारकोटिक्स आयुक्त को पत्र लिखा था। सांसद ने किसानों को समय पर लाइसेंस उपलब्ध कराने और फसल बुवाई में हो रही देरी को रोकने पर जोर दिया था।
मंदसौर: अफीम उत्पादन का मुख्य केंद्र
मंदसौर जिला देश में अफीम उत्पादन के लिए जाना जाता है। अफीम पट्टे किसानों के लिए न केवल आर्थिक बल्कि सामाजिक प्रतिष्ठा का विषय होते हैं। लेकिन इस प्रक्रिया में भ्रष्टाचार और सरकारी अधिकारियों की संलिप्तता अक्सर सामने आती रहती है।
सीबीआई की कार्रवाई से मचा हड़कंप
सीबीआई की इस कार्रवाई ने एक बार फिर नारकोटिक्स विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। किसानों ने सीबीआई की कार्रवाई की सराहना करते हुए दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।