सीतामऊ।भाजपा ने इस बार मंडल अध्यक्ष चुनाव प्रक्रिया में बड़ा बदलाव करते हुए नई गाइडलाइन जारी की है। अब बूथ अध्यक्षों से रायशुमारी नहीं की जाएगी। केवल मंडल में निवासरत बड़े नेताओं और पदाधिकारियों से ही अभिमत लिया जाएगा। प्रदेश नेतृत्व ने स्पष्ट कर दिया है कि मंडल अध्यक्ष का चयन बहुमत से नहीं, बल्कि सर्वसम्मति से होगा।
रायशुमारी के लिए चुनिंदा नेता ही होंगे शामिल
नई गाइडलाइन के अनुसार, मंडल अध्यक्ष चयन में रायशुमारी सिर्फ उन नेताओं से की जाएगी जो संबंधित मंडल में निवासरत हैं। इसमें मंडल अध्यक्ष, जिला और प्रदेश पदाधिकारी, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य, पार्टी या मोर्चा के राष्ट्रीय पदाधिकारी, जिला पंचायत, जनपद पंचायत और नगर पालिका के अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष, पूर्व विधायक-सांसद, पूर्व जिला अध्यक्ष, और निवृत्तमान मंडल अध्यक्ष शामिल होंगे।
सांसद और विधायक से उनके पूरे क्षेत्र के सभी मंडलों के लिए राय ली जाएगी।
सांसद और विधायक की भूमिका अहम
भाजपा में यह परंपरा रही है कि मंडल अध्यक्ष का चयन सांसद और विधायक की पसंद के आधार पर होता है। इस बार भी संभावना जताई जा रही है कि उनके सुझावों को प्राथमिकता दी जाएगी। हालांकि, संगठन का यह भी कहना है कि सक्रिय कार्यकर्ताओं और समन्वय के आधार पर ही चयन किया जाएगा।
अपराधियों को नहीं मिलेगा मौका, सक्रिय कार्यकर्ताओं को प्राथमिकता
नई गाइडलाइन के तहत, इस बार अपराधिक पृष्ठभूमि वाले नेताओं को संगठन में कोई जगह नहीं मिलेगी। साथ ही, केवल वही नेता मंडल अध्यक्ष बन सकेंगे, जो पार्टी के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं।
35 से 45 वर्ष आयु सीमा और नए मंडल निर्माण की तैयारी
इस बार 35 से 45 वर्ष की आयु सीमा ने कई दावेदारों को रेस से बाहर कर दिया है। वहीं, मंदसौर जिले में नई गाइडलाइन के तहत 50-60 पोलिंग बूथ पर एक मंडल बनाने की प्रक्रिया में चार नए मंडलों का गठन संभावित है। मंदसौर ग्रामीण और दलौदा, बसई और चंदवासा पट्टी, गरोठ-भनपुरा, और मलहाड़गढ़-नारायणगढ़ क्षेत्रों में नए मंडल बन सकते हैं।
आगे क्या?
रायशुमारी प्रक्रिया के बाद संगठन के फैसले स्पष्ट होंगे। हालांकि, फिलहाल मंडल अध्यक्ष बनने के लिए जोर-आजमाइश और जोड़तोड़ का खेल जारी है।
राजेश चौधरी, सीतामऊ