नई दिल्ली। सहारा समूह (Sahara Group) को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत (Big relief from Supreme Court) मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई के दौरान कहा कि निवेशकों (Investors) का पैसा लौटाने के लिए सेबी-सहारा रिफंड खाते में करीब 10,000 करोड़ रुपये जमा करने के लिए सहारा समूह को अपनी संपत्तियां बेचने पर कोई प्रतिबंध नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट की पीठ, जिसमें न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी शामिल थे, ने सहारा समूह की कंपनियों एसआईआरईसीएल और एसएचआईसीएल द्वारा निवेशकों से ली गई राशि को 15 प्रतिशत सालाना ब्याज के साथ सेबी को वापस करने के अपने 2012 के आदेश का पालन न करने पर नाराजगी जताई।
सहारा समूह की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने अदालत में तर्क दिया कि कंपनी को अपनी संपत्तियां बेचने का अवसर नहीं दिया गया था। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि सहारा समूह पर अपनी संपत्तियां बेचने के लिए कोई प्रतिबंध नहीं है, बशर्ते कि वे संपत्तियां सर्किल रेट से कम कीमत पर न बेची जाएं। अगर संपत्ति सर्किल रेट से कम पर बेचने की आवश्यकता हो, तो इसके लिए अदालत से पूर्व अनुमति लेना आवश्यक होगा।
इस फैसले से सहारा समूह को निवेशकों का पैसा लौटाने के लिए संपत्तियां बेचने की प्रक्रिया में आसानी होगी, जो कि कंपनी के लिए एक महत्वपूर्ण राहत है।