मंदसौर। मंदसौर जिले के गरोठ वन परिक्षेत्र के अंतर्गत हनुमंतिया गांव में वैकल्पिक वृक्षारोपण योजना के तहत हुए कार्यों में बड़ा भ्रष्टाचार सामने आया है। वर्ष 2016-17 में 95.382 हेक्टेयर भूमि पर 145,100 पौधे लगाए गए थे। इन पौधों के रखरखाव, खाद एवं पानी देने के कार्यों में शासकीय धन का फर्जी तरीके से उपयोग करने का मामला उजागर हुआ है।
वर्ष 2019-2020 में इन पौधों की देखरेख के नाम पर अधिकारियों और कर्मचारियों ने फर्जी प्रमाणक बनाकर भारी गबन किया। जांच में यह बात सामने आई कि काली मिट्टी और गोबर खाद के संग्रहण एवं परिवहन के नाम पर फर्जी बिल तैयार किए गए, जिसमें हेराफेरी की गई। इतना ही नहीं, पौधों को पानी पिलाने के कार्यों में भी फर्जी प्रमाणक बनाकर लाखों रुपये का गबन किया गया।
जांच में फर्जीवाड़ा उजागर
जांच के दौरान कई वाहनों के फर्जी प्रमाणकों से भुगतान किया गया। उदाहरण के तौर पर, वाहन क्रमांक MP14A-7182 जो कि ट्रैक्टर के रूप में रजिस्ट्रेशन किया गया था, असल में 1991 मॉडल की राजदूत मोटरसाइकिल निकली। इसी प्रकार, वाहन क्रमांक MPI4A-0363, जिसे टैंकर-ट्रैक्टर के रूप में प्रस्तुत किया गया था, वह 1990 मॉडल की काइनेटिक होंडा स्कूटर पाई गई। इन वाहनों के माध्यम से काली मिट्टी के परिवहन और पौधों को पानी पिलाने के नाम पर हजारों रुपये का भुगतान किया गया।
इसके अलावा, MPI4BA0682क्रमांक का वाहन बजाज M-80 मोपेड निकला, जिसे ट्रैक्टर बताकर फर्जी भुगतान प्राप्त किया गया। इस प्रकार, अलग-अलग तारीखों पर फर्जी प्रमाणक बनाकर पौधों को पानी पिलाने और मिट्टी के परिवहन के नाम पर भारी हेराफेरी की गई।
शासन को भारी आर्थिक नुकसान
इन फर्जी प्रमाणकों के माध्यम से शासकीय धनराशि का भारी दुरुपयोग हुआ, जिससे शासन को लाखों रुपये का नुकसान पहुंचा है। वन विभाग की वृक्षारोपण योजना के तहत हुआ यह भ्रष्टाचार गंभीर आर्थिक अपराध के रूप में सामने आया है।