प्रशासनिक लापरवाही: आंगनवाड़ी भवन जर्जर, खतरे के साए में बच्चों की जान

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राजेश चौधरी

मंदसौर। जिले के सीतामऊ क्षेत्र के ग्राम चिकला में स्थित आंगनवाड़ी भवन की हालत अत्यंत जर्जर हो चुकी है। यहां नन्हें बच्चे अक्षर ज्ञान सीखने तो आते हैं, लेकिन यह नहीं जानते कि जिस छत के नीचे वे बैठते हैं, वह कभी भी गिर सकती है। भवन की स्थिति इतनी खराब है कि बड़ी दुर्घटना का खतरा मंडरा रहा है।

मध्य प्रदेश सरकार महिलाओं और बच्चों के कुपोषण को समाप्त करने के लिए कई योजनाएं चला रही है और करोड़ों रुपए खर्च कर रही है। इसके बावजूद, मंदसौर ज़िले के कई आंगनवाड़ी केंद्र ऐसे भवनों में चल रहे हैं, जिनकी सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं है। ग्राम चिकला में दो आंगनवाड़ी संचालित हैं, जिनके पास अपना भवन नहीं है। इनमें से एक आंगनवाड़ी, प्राथमिक स्कूल से लिए गए एक पुराने कमरे में चल रही है, जबकि दूसरी आंगनवाड़ी एक किराए के जर्जर भवन में संचालित हो रही है।

इस जर्जर भवन का छज्जा पूरी तरह से टूटने के कगार पर है, जिससे बरसात के दिनों में बच्चों और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के ऊपर गिरने का खतरा बना रहता है। इसके अलावा, आंगनवाड़ी के पास स्थित खाली मकान और प्लॉट में बड़ी घास-फूस उगी हुई है, जिससे जहरीले जंतुओं का खतरा भी बना रहता है।

आंगनवाड़ी कार्यकर्ता ने क्या कहा?

आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सम्पत बाई द्विवेदी ने बताया कि, “सरकारी भवन नहीं होने के कारण आंगनवाड़ी को 500 रुपए प्रति माह किराए पर इस भवन में संचालित करना पड़ रहा है। हमने कई बार अधिकारियों और ग्राम पंचायत को इस समस्या से अवगत कराया, लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं हुआ है। यदि अधिकारी अधिक किराया देने की अनुमति दें, तो हम बेहतर भवन में आंगनवाड़ी संचालित कर सकते हैं, लेकिन 500 रुपए में अच्छा भवन मिलना मुश्किल है।”

सरपंच की प्रतिक्रिया

ग्राम पंचायत सरपंच गौरीशंकर पाटीदार ने बताया कि, “हमने इस मुद्दे को क्षेत्रीय विधायक हरदीप सिंह डंग के समक्ष कई बार उठाया है। साथ ही, शासन से भी ग्राम की दोनों आंगनवाड़ियों के लिए नए भवन की मांग की गई है, लेकिन अभी तक कोई स्वीकृति नहीं मिली है। हम प्रयासरत हैं और जल्द ही विधायक व सांसद जी से मिलकर समाधान निकालेंगे।”

महिला बाल विकास अधिकारी का बयान

महिला बाल विकास अधिकारी रमेश आर्य ने कहा, “हमने नए भवनों के लिए सूची आगे भेज रखी है। अगर कोई आंगनवाड़ी जर्जर भवन में संचालित हो रही है, तो मैं इसका निरीक्षण करवाता हूं।”

ग्राम चिकला की आंगनवाड़ी भवनों की दयनीय स्थिति से बच्चों की सुरक्षा पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है। सरकारी योजनाओं के बावजूद, जमीनी स्तर पर इन समस्याओं का समाधान न होना चिंता का विषय है।

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