मंदसौर।सुंदरलाल पटवा शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय, मंदसौर, में नेत्र चिकित्सा के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की गई है। यहां पहली बार एम्नियोटिक मेम्ब्रेन ग्राफ्टिंग (झिल्ली प्रत्यारोपण) का सफल ऑपरेशन किया गया। यह उपलब्धि चिकित्सा महाविद्यालय की अधिष्ठाता डॉ. शशि गांधी और सिविल सर्जन डॉ. बी. एल. रावत के मार्गदर्शन में संभव हुई।
इस जटिल ऑपरेशन को नेत्र रोग विभाग की विशेषज्ञ टीम — डॉ. अंजलि दादू (सहायक प्राध्यापक), डॉ. मितिका पाटीदार (सीनियर रेज़िडेंट) और डॉ. भावना चौधरी (सीनियर रेज़िडेंट) ने अंजाम दिया। ऑपरेशन के बारे में जानकारी देते हुए डॉ. अंजलि दादू ने बताया कि मरीज की आंख में लंबे समय से घाव था, जिससे आंख में सफेदी और लालिमा बनी रहती थी। अब झिल्ली के सफल प्रत्यारोपण से मरीज को दर्द और जलन से राहत मिलेगी।
ऑपरेशन की सफलता में नर्सिंग स्टाफ का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा। यह उपलब्धि मंदसौर के चिकित्सा क्षेत्र के लिए एक मील का पत्थर मानी जा रही है।
मोतियाबिंद, कांचबिंद और नासूर के ऑपरेशन भी हो रहे सफल
मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल मंदसौर में ओपीडी सेवाओं के साथ-साथ मोतियाबिंद, कांचबिंद, नेत्र नासूर और अब झिल्ली जैसे जटिल ऑपरेशन भी नियमित रूप से किए जा रहे हैं। अधिष्ठाता डॉ. शशि गांधी ने बताया कि अब इन ऑपरेशनों के लिए मरीजों को बड़े शहरों में भटकने की जरूरत नहीं है। मेडिकल कॉलेज में ही समुचित उपचार उपलब्ध है।
यह पहल मंदसौर जिले के लिए स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे आमजन को लाभ मिलेगा और नेत्र रोगों से पीड़ित मरीजों को बेहतर उपचार स्थानीय स्तर पर ही मिल सकेगा।