मध्यप्रदेश में पिछले सात महीनों में अपराध दर में भारी कमी दर्ज की गई है

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पुलिस की ताबड़तोड़ कार्रवाई से अपराधों में आई भारी गिरावट

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर मध्यप्रदेश पुलिस द्वारा लगातार अपराध नियंत्रण के लिए की जा रही कार्रवाई का असर अब आंकड़ों में स्पष्ट दिखने लगा है। पुलिस मुख्यालय (PHQ) द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, प्रदेश में पिछले सात महीनों में अपराध दर में भारी कमी दर्ज की गई है। राज्य अपराध अभिलेख ब्यूरो (SCRB) ने 1 जनवरी से 31 जुलाई 2024 तक की समीक्षा रिपोर्ट जारी की है, जिसमें अपराधों में गिरावट का यह ट्रेंड देखने को मिला है।

महिलाओं के खिलाफ अपराधों में सख्ती

महिलाओं के विरुद्ध अपराधों में सरकार की “जीरो टोलरेंस” नीति के तहत सख्त कार्रवाई की जा रही है। रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2023 की तुलना में 2024 के पहले सात महीनों में महिलाओं के खिलाफ कुल अपराधों में 7.91% की कमी आई है। गैंगरेप के मामलों में 19.01%, क्रूरता और दहेज प्रताड़ना के मामलों में 3.23%, और छेड़छाड़ के मामलों में 9.85% की गिरावट दर्ज की गई है।

संपत्ति संबंधी अपराधों में गिरावट

प्रदेश में संपत्ति से जुड़े अपराधों में भी उल्लेखनीय गिरावट आई है। लूट के मामलों में 23.22%, नकबजनी में 9.53%, और सामान्य चोरी के मामलों में 6.51% की कमी देखी गई है।

कुल अपराधों में 3.53% की कमी

जनवरी से जुलाई 2024 तक कुल 1,82,714 IPC+BNS अपराध दर्ज किए गए, जबकि 2023 में इसी अवधि में 1,89,178 अपराध दर्ज हुए थे। इस प्रकार, कुल अपराधों में 3.53% की कमी आई है। गंभीर अपराधों जैसे हत्या के मामलों में 7.15% और डकैती में 51.56% की गिरावट दर्ज की गई है।

महिला और बच्चों से संबंधित गंभीर अपराधों में कमी

महिलाओं और बच्चों से जुड़े गंभीर अपराधों में भी गिरावट दर्ज की गई है। बलात्कार के मामलों में 10.22%, सामूहिक बलात्कार के मामलों में 19.01%, और पॉक्सो एक्ट के तहत बच्चों के खिलाफ अपराधों में 14% की कमी आई है। इन सकारात्मक परिणामों का श्रेय “ऊर्जा महिला डेस्क”, “आशा”, “मुस्कान”, और “मैं हूं अभिमन्यु” जैसे पुलिस अभियानों को दिया जा रहा है।

अनुसूचित जाति एवं जनजाति के खिलाफ अपराधों में भी गिरावट

अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के खिलाफ गंभीर अपराधों में 22.04% की कमी आई है। साल 2023 में जहां इस अवधि के दौरान 4033 अपराध दर्ज हुए थे, वहीं 2024 में यह संख्या घटकर 3144 रह गई है। 

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