मंदसौर। मंदसौर जिला चिकित्सालय में चोरी की घटना ने सुरक्षा व्यवस्थाओं पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। चोर का चोरी करते हुए सीसीटीवी फुटेज में साफ-साफ दिखना यह दर्शाता है कि सुरक्षा एजेंसी की लापरवाही चरम पर है। पीड़ित ने अपने मोबाइल चोरी होने की शिकायत शहर कोतवाली में दर्ज कराई है।
सरकार द्वारा जिला चिकित्सालय में सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रखने के लिए सिक्योरिटी एजेंसी को तैनात किया गया है। लेकिन यह एजेंसी केवल गेट पर खड़े होकर आने-जाने वालों के गेट पास चेक करने तक सीमित है। अस्पताल परिसर में क्या गतिविधियां चल रही हैं, इस पर उनका कोई ध्यान नहीं है।
पहले भी हो चुकी हैं घटनाएं
यह पहली बार नहीं है जब जिला चिकित्सालय में चोरी की घटना हुई हो। पहले भी कई बार ऐसी वारदातें सामने आ चुकी हैं, लेकिन सिक्योरिटी एजेंसी पर आज तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। अस्पताल प्रबंधन द्वारा न तो एजेंसी को नोटिस दिया गया और न ही उसे ब्लैकलिस्ट किया गया।
कलेक्टर के आदेश की अनदेखी
सिक्योरिटी एजेंसी ने कलेक्टर के आदेशों की अवहेलना भी की है। इसके बावजूद, जिला चिकित्सालय प्रशासन ने अब तक कोई कदम नहीं उठाया है। इससे अस्पताल प्रबंधन और सिक्योरिटी एजेंसी के संबंधों को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं।
प्रशासन की उदासीनता पर सवाल
चोरी की घटनाओं और सुरक्षा एजेंसी की लापरवाही के बावजूद वरिष्ठ अधिकारियों का चुप्पी साधे रहना चिंताजनक है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस मामले में अस्पताल प्रशासन क्या कदम उठाता है।
क्या होगी कार्रवाई?
इस घटना ने जिला चिकित्सालय की सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी है। भविष्य में ऐसे मामलों को रोकने के लिए क्या कदम उठाए जाएंगे, यह समय बताएगा।