बांधवगढ़, मध्य प्रदेश: बांधवगढ़ में मात्र 48 घंटे के भीतर आठ हाथियों की मौत ने वन्यजीव प्रेमियों और अधिकारियों में चिंता पैदा कर दी है। इनमें से सात मादा हाथी शामिल हैं। प्रारंभिक जांच में मौत का कारण कोदो की विषाक्तता बताया जा रहा है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि यह जहर जानबूझकर दिया गया या यह फसलों में इस्तेमाल होने वाले कीटनाशकों का परिणाम है।
जांच प्रक्रिया: प्रदेश सरकार ने मुख्य वन्यजीव अभिरक्षक की अगुवाई में पांच सदस्यीय एसआईटी का गठन किया है। इसके अलावा, वाइल्डलाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो और नेशनल टाइगर कंजरवेटर अथॉरिटी की टीमें भी मौके पर पहुंच चुकी हैं।
तलाशी और पूछताछ: स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स ने डॉग स्क्वाड के साथ मिलकर सात खेतों और घरों की तलाशी ली है। इस मामले में पूछताछ के लिए पांच लोगों को हिरासत में लिया गया है।
परीक्षण और सैंपल: घटना के स्थान के आसपास के जलस्रोतों और फसलों के सैंपल फॉरेंसिक जांच के लिए भेजे गए हैं। जांच दल यह भी देख रहा है कि पार्क में आने वाले लोगों की गतिविधियों का इस घटना से क्या संबंध है।
यह घटना न केवल स्थानीय वन्यजीवों के लिए चिंता का विषय है, बल्कि यह हाथियों की सुरक्षा और संरक्षण के प्रयासों पर भी प्रश्न उठाती है। आगे की जांच से ही यह स्पष्ट होगा कि हाथियों की मौत का असली कारण क्या था।