मंदसौर। गरोठ के नजदीक बंजारी और डिडोर गाँव के निवासियों को इन दिनों गंभीर जल संकट का सामना करना पड़ रहा है। चंबल नदी में केमिकल युक्त दूषित पानी के चलते सैकड़ों मछलियों की मौत हो चुकी है। इससे इलाके में दुर्गंध फैलने के साथ-साथ ग्रामीणों के बीच भय और आक्रोश की स्थिति पैदा हो गई है।
ग्राम बंजारी के शासकीय हैंडपंप और कुओं के पानी की जाँच के बाद पानी में नाइट्रेट की उच्च मात्रा पाई गई है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा पानी को पीने योग्य बनाने के लिए क्लोरिनेशन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, मगर ग्रामीण अभी भी आशंकित हैं।
डिडोर गाँव में भी वही स्थिति है। यहाँ केमिकल युक्त पानी से बदबू और स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा उत्पन्न हो रहा है। ग्रामीण अब दूषित पानी पीने से बच रहे हैं, और अपनी आवश्यकताओं के लिए जोड़मा गाँव से पानी लाने पर मजबूर हैं, जो लगभग 3 किलोमीटर दूर स्थित है।
पानी की समस्या को देखते हुए विधायक के निर्देश पर पीएचई विभाग की टीम उपयंत्री नेहा जायसवाल टेक्नीशियन मनोहर शर्मा, सोहन आर्य, बंशीलाल ने गाँवों का दौरा किया और पानी के सैंपल लेकर जांच के लिए भानपुरा लैब भेजे। पीएचई विभाग के एसडीओ प्रसांत सोनी ने बताया कि यदि पानी में नाइट्रेट की मात्रा खतरनाक स्तर पर पाई जाती है, तो गाँवों में हैंडपंप बंद किए जा सकते हैं, जिससे पीने के पानी की विकराल समस्या उत्पन्न हो सकती है।
ग्रामीणों को अब सरकारी मदद की आस है, ताकि जल्द से जल्द इस समस्या का स्थायी समाधान निकाला जा सके।