मन्दसौर: सहकारिता विभाग बना भ्रष्टाचार का अड्डा…

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जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक शाखा सुवासरा से संबधित पैक्स कर्मचारियों की प्रशासक रामप्रसाद कुमावत के खिलाफ गंभीर आरोप

मन्दसौर। जिले के सुवासरा स्थित जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक शाखा के कर्मचारियों ने प्रशासक रामप्रसाद कुमावत के खिलाफ गंभीर आरोप लगाते हुए उपायुक्त, जिला सहकारी समितियों, मन्दसौर को सामूहिक शिकायत दी है। यह शिकायत दिनांक 08 अगस्त 2020 को प्रस्तुत की गई थी, जिसकी प्रतिलिपि उप मुख्यमंत्री, कलेक्टर और प्रबंध संचालक जिला सहकारी केंद्रीय बैंक को भी भेजी गई है।

शिकायत में प्रशासक पर रिश्वतखोरी, धमकी और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए गए हैं। कर्मचारियों ने आरोप लगाया है कि प्रशासक कुमावत ने वेतन वृद्धि के नाम पर रिश्वत की मांग की और कई मौकों पर कर्मचारियों से पैसे वसूले। इसके अलावा, पदोन्नति, अस्थायी कर्मचारियों को स्थायी करने और अन्य प्रशासनिक कार्यों के लिए भी रिश्वत मांगी गई।

शिकायत के अनुसार, प्रशासक कुमावत ने तीन माह का वेतन रोककर 30,000 रुपये की रिश्वत ली और उसके बाद ही वेतन का भुगतान किया। साथ ही हम्माली, खाद भंडार और अन्य खर्चों के बिलों की स्वीकृति के लिए भी रिश्वत की मांग की गई।

सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज

शिकायतकर्ताओं में से एक राधेश्याम व्यास ने सीएम हेल्पलाइन पर भी प्रशासक के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने आरोप लगाया कि मार्च 2024 में प्रशासक ने अनुग्रह अनुदान की राशि जबरन बांटी और उसमें से 60,000 रुपये भ्रष्टाचार के रूप में अपने पास रख लिए।

कर्मचारियों की सख्त कार्रवाई की मांग

कर्मचारियों का कहना है कि प्रशासक कुमावत अधिकारियों और नेताओं से अपने संबंधों का हवाला देकर उन्हें धमका रहे हैं, जिससे वे भय और तनाव में काम कर रहे हैं। कर्मचारियों ने उपायुक्त से प्रशासक को तत्काल हटाने और उनकी रिश्वत की गई राशि वापस दिलाने की मांग की है।

अब देखना होगा कि इस मामले में प्रशासन द्वारा क्या कार्रवाई की जाती है और कर्मचारियों को न्याय मिल पाता है या नहीं या चोर चोर मोसेरे भाई की तरह बचाने के प्रयास किये जायेंगे।

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