दिल्ली। हाल ही में आई एक लेटेस्ट स्टडी ने मोबाइल यूजर्स को एक प्रकार का भरोसा दिया है, लेकिन फिर भी WHO और अन्य हेल्थ एजेंसियों को RF (रेडियो फ्रीक्वेंसी) रेडिएशन से जुड़े किसी भी संभावित स्वास्थ्य जोखिम की जांच जारी रखने की जरूरत है।
इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर (IARC) अभी भी मोबाइल फोन रेडिएशन को संभावित कैंसरकारी (Group 2B) के अंतर्गत क्लासिफाई करती है। इसका मतलब यह है कि मोबाइल फोन और कैंसर के खतरे के बीच के संबंध को पूरी तरह से नकारा नहीं जा सकता है।
जैसे-जैसे तकनीक का विकास हो रहा है और वायरलेस डिवाइसेस का उपयोग बढ़ता जा रहा है, नए वैज्ञानिक शोधों और निष्कर्षों के बारे में जानकारी रखना सभी के लिए महत्वपूर्ण है। यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि इस दिशा में शोध होते रहें ताकि मोबाइल रेडिएशन के दीर्घकालिक प्रभावों पर अधिक स्पष्टता मिल सके।