दृष्टि सुधार के लिए अब चश्मा नहीं आईड्रॉप्स ही काफी हैं, प्रेसबायोपिया के मरीजों को मिलेगी राहत

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दिल्ली। सरकार ने अब एक इसे आईड्रॉप को बाजार में बिक्री के लिए मंजूरी दी है जिसके डालने से चश्मा हट सकता है।
केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने पहली बार एक ऐसे आईड्रॉप को बाजार में बिक्री की मंजूरी दी है, जो प्रेसबायोपिया से पीड़ित लोगों के लिए चश्मे की जरूरत को खत्म कर सकता है। ‘प्रेसवू’ नामक इस आईड्रॉप को एनटॉड फार्मास्यूटिकल्स ने विकसित किया है।

प्रेसबायोपिया एक सामान्य दृष्टि स्थिति है जो आमतौर पर 40 वर्ष की आयु के बाद व्यक्तियों में होती है, जिसमें आंख के क्रिस्टलीय लेंस की प्राकृतिक उम्र बढ़ने से पास की वस्तुओं पर ध्यान केंद्रित करने में परेशानी होती है।

मंगलवार को दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में, कंपनी ने बताया कि यह ड्रॉप्स न केवल पढ़ने वाले चश्मे से मुक्ति दिलाएगी बल्कि आंखों को नमी भी प्रदान करेगी, जिससे दृष्टि संबंधी अन्य समस्याओं से भी राहत मिलेगी।

मानसून में बढ़ सकता है कंजंक्टिवाइटिस का खतरा

स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने मानसून के दौरान कंजंक्टिवाइटिस, जिसे आमतौर पर पिंक आइज कहा जाता है, के बढ़ते जोखिम की चेतावनी दी है। यह रोग मुख्य रूप से वायरस या बैक्टीरिया के संक्रमण के कारण होता है, लेकिन एलर्जी भी इसका कारण बन सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि मानसून के दौरान सार्वजनिक पूल में तैरने से बचना चाहिए और कॉन्टैक्ट लेंस का उपयोग करते समय विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।

बढ़ी हुई नमी और दूषित पानी के संपर्क में आने से आंखों में चिपचिपाहट, सूजन और पीले स्राव जैसी समस्याओं का जोखिम बढ़ सकता है। इन समस्याओं से बचाव के लिए हाथों की स्वच्छता का ध्यान रखना, आंखों को बार-बार न छूना और सुरक्षात्मक चश्मा पहनना महत्वपूर्ण है।

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