*हर घर तिरंगा अभियान: सम्मान और संवेदनशीलता की आवश्यकता*

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नेमीचंद राठौर | भारतीय जनता पार्टी द्वारा आयोजित “हर घर तिरंगा” अभियान ने पूरे देश में देशभक्ति की भावना को प्रबल किया है। 15 अगस्त के अवसर पर हर घर पर तिरंगा लहराना न केवल देश की स्वतंत्रता का उत्सव मनाने का तरीका है, बल्कि यह राष्ट्रीय एकता और देशभक्ति की भावना को भी प्रकट करता है। इस अभियान के माध्यम से तिरंगे के प्रति लोगों में गर्व और प्रेम की भावना को जाग्रत करने का प्रयास किया गया है। यह एक सराहनीय पहल है, जो देशवासियों को अपने राष्ट्रीय ध्वज के प्रति सम्मान और स्नेह व्यक्त करने का अवसर प्रदान करती है।

हालांकि, इस अभियान के सफलतापूर्वक संचालन के बावजूद एक गंभीर मुद्दा है जो अक्सर अनदेखा कर दिया जाता है। तिरंगे का सम्मान केवल उसे फहराने तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह उसकी सही देखभाल और मर्यादा बनाए रखने से भी संबंधित है। 15 अगस्त के बाद, कई घरों पर तिरंगा महीनों तक लहराता रहता है। समय के साथ, यह तिरंगा धूल, धूप, बारिश और अन्य प्राकृतिक तत्वों के कारण मैला, गंदा और कभी-कभी फट भी जाता है। यह स्थिति तिरंगे की गरिमा को ठेस पहुंचाती है और हमारे राष्ट्रीय प्रतीक के प्रति सम्मान की कमी को दर्शाती है।

इस समस्या का समाधान बेहद महत्वपूर्ण है। तिरंगे का सम्मान केवल उसे फहराने तक ही सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि यह हमारे कर्तव्य में शामिल होना चाहिए कि हम उसे सही समय पर उतारें, और उसकी उचित देखभाल करें। तिरंगे की मर्यादा बनाए रखने के लिए आवश्यक है कि उसे फहराने के बाद सही समय पर उतारा जाए, और अगर वह मैला या फटा हुआ है, तो उसे उचित तरीके से नष्ट किया जाए या फिर उसे साफ और सहेज कर रखा जाए। यह हमारी नैतिक और कानूनी जिम्मेदारी है कि हम तिरंगे का उचित सम्मान करें, जैसा कि भारतीय ध्वज संहिता में वर्णित है।

इसके अलावा, यह भी आवश्यक है कि “हर घर तिरंगा” अभियान के तहत तिरंगे को फहराने के बाद उसकी सही देखभाल और समय पर हटाने के लिए भी अभियान चलाया जाए। विभिन्न सामाजिक संस्थाओं, स्थानीय प्रशासन और जन प्रतिनिधियों को मिलकर इस दिशा में कदम उठाने चाहिए। वे लोगों को तिरंगे की मर्यादा और उससे संबंधित कानूनों के प्रति जागरूक कर सकते हैं, और यदि आवश्यक हो, तो तिरंगे को सुरक्षित रूप से हटाने के लिए स्वयं भी पहल कर सकते हैं।

अंत में, तिरंगे का सम्मान केवल एक दिन का काम नहीं है, बल्कि यह हमारे राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक है, जिसकी मर्यादा बनाए रखना हमारा कर्तव्य है। “हर घर तिरंगा” अभियान को तब तक पूर्ण नहीं माना जा सकता जब तक तिरंगे के उचित सम्मान और उसकी मर्यादा बनाए रखने की दिशा में भी प्रयास नहीं किए जाते। इस दिशा में समाज को जागरूक करना और तिरंगे के प्रति सम्मान की भावना को बनाए रखना, हमारी देशभक्ति का असली प्रमाण होगा।

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